पटना। बिहार चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के करीब दो दर्जन यानी 24 से 25 मौजूदा विधायकों के टिकट पर तलवार लटक रही है। उनका टिकट कट भी सकता है। यह वो विधायक हैं जिनकी रिपोर्ट पार्टी द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में सही नहीं आई है।
ऐसे लोगों में पहली बार विधायक बनने वालों की संख्या अधिक है। अब पार्टी में शीर्ष स्तर पर इसे लेकर मंथन चल रहा है कि इन्हें चुनावी मैदान में उतारा जाए या नहीं। हालांकि मामले को पूरी तरह गोपनीय रखा गया है।
राजद ने बीते दिनों एक प्राइवेट एजेंसी से विधानसभा क्षेत्रों का सर्वेक्षण कराया था। इसमें मौजूदा विधायकों के साथ-साथ वे सीटें भी शामिल थीं, जहां पार्टी इस बार चुनाव लड़ना चाहती है। एजेंसी ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंप दी है। सूत्रों की मानें तो यह रिपोर्ट तमाम मौजूदा विधायकों की नींद उड़ाने वाली है। ऐसे विधायकों की संख्या लगभग दो दर्जन बताई जा रही है।
इन जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र की जनता उनके कामकाज से खुश नहीं है। कइयों का पार्टी कार्यकर्ताओं में भी खासा विरोध है। इस सर्वे रिपोर्ट पर पार्टी मंथन तो कर रही है मगर अभी कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया है। चुनावी सीजन में इतने बड़े पैमाने पर टिकट काटने पर होने वाले नफा-नुकसान का भी आंकलन किया जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह भी आंकलन किया जा रहा है कि किन लोगों की ज्यादा और किन विधायकों की कम शिकायतें हैं। ऐसे में कुछ लोगों को राहत भी मिल सकती है। मगर कुछ मौजूदा विधायकों का टिकट कटना तय है। कुछ को इसकी भनक भी लग चुकी है सो वे अपनी गोटियां फिट करने में जुट गए हैं।
सर्वे में पार्टी ने मौजूदा विधायकों के साथ अन्य सीटों पर मजबूत दावेदारों की स्थिति की भी जांच करवाई थी। जहां कोई दिक्कत नहीं है, ऐसे प्रत्याशियों को क्षेत्र में जाने की हरी झंडी दे दी गई है।