अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के अंतर्गत अटारी कानपुर के निर्देशानुसार कृषि विज्ञान केंद्र प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश के द्वारा मोटे अनाज पर आधारित प्रतियोगिता का आयोजन 3 ब्लॉक और चुने हुए तीन गांव जिसमे कालाकांकर, संडवा चंदृका, कुंडा में किया


  

By News14india/ शरणजीत सिंह 

प्रतापगढ़/ उत्तर प्रदेश । अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के अंतर्गत अटारी कानपुर के निर्देशानुसार कृषि विज्ञान केंद्र प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश के द्वारा मोटे अनाज पर आधारित प्रतियोगिता का आयोजन 3 ब्लॉक और चुने हुए तीन गांव जिसमे कालाकांकर, संडवा चंदृका, कुंडा में किया गया

जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों में मोटे अनाज का महत्व ,जागरूकता एवं मोटे अनाजों से बनी हुई व्यंजन को अपने दैनिक आहार में शामिल करना था एवं बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन भी कर सके।

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर ए के श्रीवास्तव ने पोषक मूल्य के बारे में जानकारी दी। गृह वैज्ञानिक डॉक्टर स्वाति दीपक दुबे ने मोटे अनाजों से बने हुए उत्पादो के बारे में जानकारी दी । इस कार्यक्रम के अंतर्गतकुल लगभग 155 महिलाओं ने  भाग लिया । प्रतियोगिता के आयोजन करने से महिलाओं में काफी उत्साह दिखा और उन्होंने विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यंजन बनाया ।

व्यंजनों को जज करने के लिए कुल चार लोग जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ अवधेश सिंह, ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक थे जिनके द्वारा व्यंजनों का निरीक्षण ऑर्गेनोलेप्टिक टेस्ट के द्वारा विभिन्न पैरामीटर को देखकर किया गया जिसमें रंग, स्वाद, सजावट, सुगंध इत्यादि थे।

महिलाओं के द्वारा मोटे अनाजो  के विभिन्न उत्पाद जैसे बाजरा लड्डू, बाजरा टिक्की,बाजरा खिचड़ी, रागी शेक , मकरा  कचोरी उड़द ,मकरा कचोरी आलू , मकरा मेथी  कचोरी ,मक्का हल वा , मक्का पकौड़ी इत्यादि का प्रदर्शन लगाया गया । मुख्य 15 व्यंजनों को चुना गया और उसके प्रोत्साहन के लिए महिलाओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कृति किया गया।

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