पटना। बिहार चुनाव कांग्रेस हाईकमान ने 70 में से 46 सीट और उम्मीदवार तय किये, 20 सिटिंग सीटों पर विधायक लड़ेंगेडा. अशोक कुमार का सीट बदला, रोसड़ा की जगह कुशेश्वरस्थान से लड़ेंगे
कांग्रेस हाईकमान ने अपने कोटे की 70 सीटों में से 46 सीटों और उनके उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया और लगभग नाम फाइनल कर दिये। उम्मीदवारों को नामांकन से जुड़े सभी कागजात तैयार कर पटना आकर मंगलवार शाम 4 बजे सिंबल लेने का निर्देश दिया गया है। इसके लिये प्रभारी अजय कपूर मंगलवार को पटना आ रहे हैं।
सोमवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक में निर्णय हुआ कि 20 सीटिंग विधायक चुनाव लड़ेंगे। अगले दो दिनों में अधिसंख्य सीटों की उम्मीदवारी तय कर दी जाएगी। पांच सीटिंग में से बरबीघा के विधायक सुदर्शन कुमार जदयू में शामिल हो गये हैं। गोविंदपुर की विधायक पूर्णिमा यादव इस बार जदयू से लड़ेंगी। वहीं भोरे, बछवाड़ा और मांझी सीटें वाम दलों को चली गई है। कांग्रेस नेताओं पर भरोसा करें तो पहले फेज की 20 में से 15 उम्मीदवार करीब-करीब तय हो गये हैं। बड़हरा, हिसुआ, टेकारी और गोविंदपुर सीट पर उम्मीदवार चयन के लिए मंगलवार को कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की फिर बैठक होगी।
कहलगांव के विधायक और विधान मंडल दल के नेता सदानंद सिंह की जगह उनके पुत्र शुभानंद मुकेश चुनाव लड़ेंगे। वहीं दूसरे चरण में लड़ी जाने वाली वरीय नेता डा. अशोक कुमार का सीट बदल गया है। वे अभी रोसड़ा से विधायक हैं, पर वे अब कुशेश्वरस्थान से चुनाव लड़ेंगे।
सुलतानगंज से युवा कांग्रेस के ललन को मिला टिकट
पहले चरण की सीटों में जदयू से कांग्रेस में आये निवर्तमान विधायक गजानंद शाही बरबीघा से चुनाव लड़ेंगे। वे इस सीट से वर्ष 2010 में जदयू से विधायक रह चुके है। नवादा जिला कांग्रेस अध्यक्ष सतीश कुमार सिंह ऊर्फ मनटन सिंह को वारिसलीगंज से लड़ेंगे।
यह सीट दो बार से भाजपा और जदयू के कब्जे में रही है। सुलतानगंज से युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन यादव चुनाव लड़ेंगे। यह सीट भी दो बार से जदयू के कब्जे में है। अमरपुर से जीतेन्द्र सिंह लड़ेंगे।
कुर्था, टिकारी समेत आधा दर्जन सीटों पर जिच बरकरार
कुर्था, टिकारी समेत आधा दर्जन सीटों पर अब भी जिच कायम है। उधर राजद ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल देना शुरु कर दिया है। अब तक राजद करीब दो दर्जन से अधिक उम्मीदवारों को टिकट दे चुका है। शेखपुरा से यादव बिरादरी के विजय सम्राट को टिकट दिया गया है। पिछले दो चुनाव से यह सीट जदयू के कब्जे में है।
नवीनगर से डब्लू सिंह को टिकट दिया गया है। यह सीट भी पिछले दो चुनाव से जदयू के कब्जे में है। गोह से यादव समाज के भीम सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। पिछले दो चुनाव से यह सीट भाजपा और जदयू के कब्जे में है। इमामगंज से उदय नारायण चौधरी राजद उम्मीदवार बनाये गये हैं। वो वर्ष 2010 में जदयू उम्मीदवार के रुप में यहां से जीत थे।
जदयू में दूसरे दलों से आए सभी विधायकों को टिकट
जदयू ने दूसरे दलों से आए किसी नेता को निराश नहीं किया है। सबको उनकी मनचाही सीट पर ही सिंबल थमा दिया है। पालीगंज से जयवर्द्धन यादव को टिकट मिला है। वह दिवंगत रामलखन सिंह यादव के पौत्र हैं। इस सीट पर भाजपा के रामजनम शर्मा भी दावेदार थे। बरबीघा सीट से जीते कांग्रेस विधायक सुदर्शन कुमार भी पंजा छोड़ तीर लहराते दिखेंगे।
गोविंदपुर से कांग्रेस की विधायक पूर्णिमा देवी 2010 में नवादा से जदयू की ही विधायक थीं। राजबल्लभ यादव की विधायकी जाने के बाद हुए उपचुनाव में पति कौशल यादव नवादा से उप चुनाव जीत गए। पूर्णिमा , चुनाव के पहले पार्टी में लौटीं और इस बार अपनी ही सीट गोविंदपुर से जदयू उम्मीदवार होंगी।
विधान पार्षद संजय प्रसाद राजद से जदयू में आए थे। उनको चकाई से उम्मीदवार बनाया गया है। चकाई में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित सिंह प्रबल दावेदार थे। उसी प्रकार भोजपुर जिले के जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र से कुसुमलता कुशवाहा को टिकट मिला।
विधायक ददन, जनार्दन, सुबोध बेटिकट
जदयू ने डुमरांव से सिटिंग विधायक ददन पहलवान को बेटिकट कर प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी को उनकी छवि पर ऐतराज था। उन्हें सफाई देने के लिए बुलाया गया था। ददन के अनुसार उन पर सिर्फ आचार संहिता उल्लंघन व एकाध मामूली सा मुकदमा है। लेकिन जाहिर है पार्टी उनकी सफाई से संतुष्ट नहीं हुई। अमरपुर से जनार्दन मांझी तथा सुल्तानगंज से सुबोध राय को टिकट नहीं मिला।